Antarman ki awaz अंतर्मन की आवाज


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pजन्म : 3 जनवरी 1949, ग्राम पत्रालय-लय, थाना-कजरा, जिला-लखीसराय, बिहार ।brशैक्षणिक योग्यता : ति.मां. भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर से भौतिकी में एम.एस-सी. एवं पी.एच.डी. राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में अनेकों शोध-पत्र प्रकाशित। साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, दिल्ली द्वारा वित्तीय पोषित Major Research Project का निष्पादन ।brशैक्षणिक अनुभव : भागलपुर, विश्वविद्यालय भागलपुर की अंगीभूत इकाई रामाधीनbrमहाविद्यालय, शेखपुरा बिहार के भौतिक विभाग में विश्वविद्यालय प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष के रूप में लगभग 43 वर्षों तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर तक अध्यापन कार्य। अंत में उसी महाविद्यालय से 31 जनवरी 2014 को प्राचार्य के पद पर रहते हुए सेवानिवृत ।brप्रकाशन : आपकी प्रथम प्रकाशित पुस्तक खण्ड काव्य मन की बात है। इसके उपरांतbrडॉ. सुधीर सिंह जी की लेखनी निर्बाध गति से सृजनशील है और अनेक साझा संकलन सृजित हुए जिनके नाम इस प्रकार हैं- प्रेम एक अनुभूति, आम आदमी की आवाज, बाल विवाह : एक अभिशाप, माँ की याद में, अन्तर्बोध, चेतना के स्वर, उठ जाग मुसाफिर, बापू तेरे देश में, हारेगा कोरोना जीतेंगे हम, लॉकडाउन और लेखनी, चिंतन के झरोखे से, साधना के शब्द पुष्प, शब्द पुष्प की सुगंध, गांव की गोद से, लेखनी की ललक, उनकी याद में, ओझला मेरी मां, साधना के पथ पर, विचारों की बगिया, इन्द्रधनुषी अनुभूतियाँ, जियो और जीने दो, सोच के सानिध्य में, प्रेरणा की प्रतिध्वनि, काव्य अमृत वेला, सोच का सम्मान, अनुभूतियों की परख जो देखा सो लिखा बोध का शोध तथा अनेक अन्य प्रकाशनाधीन हैं। इसके अतिरिक्त उत्कर्ष मेल समाचार पत्र एवं वेबपोर्टल्स पर कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं। विशेष : गांधी जी की 150वीं जयंति पर समर्पित काव्य संग्रह बापू तेरे देश में का लोकार्पण परमपूज्य संत मोरारी बापू जी द्वारा दिल्ली में किया गया तथा इसी पुस्तक को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति भवन में संपादक मनमोहन शर्मा शरण द्वारा भेंट की गई।p