Panchjanya


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स्वतंत्रता के सोपान - अनगिनत वीरों के बलिदान, करोड़ों लोगों के त्याग और लाखों महानुभावों की तपस्या के कारण आज हम भारतीयों को अपनी स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाने का अवसर मिला है। यह स्वतंत्रता अक्षुण्ण रहे, इस पर फिर किसी आक्रांता की बुरी नजर न लगे, यह जिम्मेदारी हर देशवासी की है। हम सब मिलकर स्वराज के इस सोपान को और इतना मजबूत बनाएं कि इसके सहारे वे लोग भी अपनी आजादी का द्वार खोल सकें, जो अभी भी खुली हवा में सांस नहीं ले पा रहे हैं। उम्मीद है कि पाञ्चजन्य का यह विशेषांक नई पीढ़ी को स्वतंत्रता के प्रति सजग कर पाएगा...