आज के इस तेज गति से बदलते समाज में संस्कारों की महत्वता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हमारे जीवन में संस्कार ही वह आधार हैं, जो हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं और जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन करते हैं। लेकिन क्या सच में हम अपने प्यारे व लाडले बच्चों को वह संस्कार दे पा रहे हैं जो उन्हें एक आदर्श नागरिक और सफल इंसान बनाने के लिए जरूरी हैं?
यह पुस्तक "बच्चे संस्कारी कैसे बनें ?" आपको एक मार्गदर्शन देने का प्रयास करती है कि कैसे हम अपने बच्चों में अच्छे संस्कारों का विकास कर सकते हैं। यह पुस्तक उन महत्त्वपूर्ण बातों को समेटे हुए है जो बच्चों को हर उम्र में अपने जीवन को नैतिक रूप से सही दिशा में बढ़ाने के लिए मदद करती है। चाहे वह 0-5 वर्ष का बच्चा हो, 6-11 वर्ष का किशोर हो या फिर 12-17 वर्ष का युवा या 18 वर्ष- 24 वर्ष के बाद, हर आयु में बच्चों को उचित मार्गदर्शन और संस्कार देना जरूरी है।
इस पुस्तक में, मैंने बच्चों के मानसिक, शारीरिक और समाजिक विकास के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए संस्कारों की नींव से लेकर उनके जीवन के हर मोड़ पर संस्कारों को मजबूत बनाने की दिशा में सुझाव दिए हैं। यह किताब माता-पिता, शिक्षकों और समाज के सभी तबकों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है ताकि हम सभी मिलकर ऐसे समाज का निर्माण कर सकें, जिसमें संस्कारों का प्रमुख स्थान हो।
संघर्ष पिता से सीखें, संस्कार माँ से।