Lokmanya Bal Gangadhar Tilak (लोकमान्‍य बाल गंगाधर तिलक)
Lokmanya Bal Gangadhar Tilak (लोकमान्‍य बाल गंगाधर तिलक) Preview

Lokmanya Bal Gangadhar Tilak (लोकमान्‍य बाल गंगाधर तिलक)

  • Sat Feb 22, 2020
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

राष्ट्रीय जीवनी माला : लोकमान्य बालगंगाधर तिलक (1856-1920) 'स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है' के उद्घोषक लोकमान्य बालगंगाधर तिलक का भारत के निर्माताओं में अपना एक विशिष्ट स्थान है। उनका जन्म 1856 ई. में हुआ था। उनका सार्वजनिक जीवन 1880 में एक शिक्षक और शिक्षण संस्था के संस्थापक के रूप में आरम्भ हुआ। इसके बाद 'केसरी' और 'मराठा' उनकी आवाज के पर्याय बन गए। इनके माध्यम से उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचारों का विरोध तो किया ही, साथ ही भारतीयों को स्वाधीनता का पाठ भी पढ़ाया। वह एक निर्भीक संपादक थे, जिसके कारण उन्हें कई बार सरकारी कोप का भी सामना करना पड़ा। उनकी राजनीतिक कर्मभूमि कांग्रेस थी, किन्तु उन्होंने अनेक बार कांग्रेस की नीतियों का विरोध भी किया। अपनी इस स्पष्टवादिता के कारण उन्हें कांग्रेस के नरम दलीय नेताओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा। इसी विरोध के परिणामस्वरूप उनका समर्थक गरम दल कुछ वर्षों के लिए कांग्रेस से पृथक भी हो गया था, किन्तु उन्होंने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। वह एक पारम्परिक सनातन धर्म को मानने वाले हिन्दू थे। अपने धर्म में प्रगाढ़ आस्था होते हुए भी उनके व्यक्तित्व में संकीर्णता लेशमात्र भी नहीं थी। अस्पृश्यता के वह प्रबल विरोधी थे। निश्चय ही तिलक अपने समय के प्रणेता थे। उनका देश प्रेम अद्वितीय था।