मनमोहन सरल की 21 श्रेष्ठ कहानियाँ : Manmohan Saral ki Shreshtha Kahaniyan
मनमोहन सरल की 21 श्रेष्ठ कहानियाँ : Manmohan Saral ki Shreshtha Kahaniyan Preview

मनमोहन सरल की 21 श्रेष्ठ कहानियाँ : Manmohan Saral ki Shreshtha Kahaniyan

  • Tue Aug 08, 2017
  • Price : 95.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

संपादन, अध्यापन व लेखन। पहली कहानी 1949 में छपी और पहला कहानी संग्रह 'प्यास एक : रूप दो' 1959 में छपा और चर्चित हुआ। 1958 में महानंद मिशन कालेज, गाज़ियाबाद में प्राध्यापक से कार्यजीवन का प्रारंभ। 1961 में भारत के सर्वश्रेष्ठ और बहुचर्चित साप्ताहिक 'धर्मयुग' के गरिमामय काल में सहायक संपादक पद सँभाला और '89 तक इसी पद पर बने रहे। 1989 से '93 तक हिंदी फिल्मफेअर का कार्यभार संभाला। 1993 से '95 तक नवभारत टाइम्स में सह संपादक रहे और फिर सांध्यकालीन 'दैनिक दोपहर' के संपादक रहे।