मोक्षदायिनी गंगा : Mokshadayini Ganga
 मोक्षदायिनी गंगा : Mokshadayini Ganga Preview

मोक्षदायिनी गंगा : Mokshadayini Ganga

  • Thu Apr 20, 2017
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
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गंगा केवल नदी नहीं है, वह भारत में युगों से प्रवाहित होती धर्म, दर्शन, संस्कृति, सभ्यता, अध्यात्म एवं मोक्षकांक्षी जीवन की प्राणधारा है जिसके निर्मल प्रवाह ने भारतभूमि के प्रत्येक पक्ष को आत्मसात् किया है। गंगा चिरन्तन सनातन संस्कृति की अविरल, निर्बाध प्रवाह है और उसके तटों के किनारे फली-फूली सभ्यता का प्रमाण है। कंकड़-कंकड़ में शंकर की अनादि सत्ता को स्वीकारने वाली भारतीयता गंगा से जुड़ी है, उसमें समन्वित है। विश्व की विविधता में एकता का दर्शन कराती भारतीय संस्कृति। गंगा हर किसी को बिना किसी भेदभाव के अपना अनमोल जल प्रदान करती है।

गंगा विश्व में भारत को गो, गायत्री, गीता, गौरव आदि सनातन तत्वों का बोध कराती है। वह मातृ स्वरूपा है तभी मां कहलाती है, जिसने मातृभाव से अपने तटवर्ती भूभागों का पालन-पोषण किया, उन्हें तीर्थ बना दिया। जहां देश-विदेश के श्रद्धालु अपनी-अपनी कामना लिए आते हैं और गंगा को अपने अनुसार संबोधन दे जाते हैं। हिमालय रूपी शिव के जटाजूट रूपी हिमशिखरों से निकलती असंख्य दिव्य धाराएं दिव्य प्रसाद रूपी अमृत है, जो गंगा प्रदान करती है।