Kya Ham Gadhe Hain ?
Kya Ham Gadhe Hain ?

Kya Ham Gadhe Hain ?

This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

Preview

प्रस्तुत किताब एक प्रयास है सामाजिक और राजनैतिक विसंगतियों को प्रकाशित करने का! हमारे समाज और राजनीति में इतनी अतिश्योक्तियाँ हैं कि हम उन्हें, "चलता है!" कहकर दरकिनार कर देते हैं और इसी दरकिनारी का नतीजा है कि भारत हर स्तर पर किसी न किसी परेशानी से जूझ रहा है चाहे वो सांप्रदायिक विद्वेष हो या फिर आतंकवाद हो, ये हमारे ‘‘चलता है‘‘ के रवैय्ये के कारण हुआ है! इस पुस्तक से लेखक ने ऐसी ही चीजों को प्रकाशित किया है जसे अगर हम सामाजिक तौर ठीक कर लें तो ये राजनैतिक विसंगतियाँ समाप्त हो जायेंगी और भारत पुनः सोने की चिड़िया बन जाएगा.