logo

Get Latest Updates

Stay updated with our instant notification.

logo
logo
account_circle Login
ANTSAH KI ANUBHUTI
ANTSAH KI ANUBHUTI
75.00

Single Issue

75.00

Single Issue

About this issue

मेरा यह लेखन प्रयास है। मैं कोई लेखिका तो नहीं हूँ - बाल्यकाल से ही मुझे लिखने तथा स्टेज पर बोलने का शौक था।
यूँ ही स्कूल का सफर तय करते हुये कॉलेज में प्रवेश किया। वाद-विवाद प्रतिस्पर्धा में भाग लेते अपने कॉलेज की उच्चतम भाषण कर्त्ता के इनाम से विभूषित हुई। फिर शादी, गृहस्थ जीवन, लम्बा सफर तय करते मेरे भीतर फिर से लिखने की हूक सी उठती रही। मेरे बच्चों ने उस हूक को सुना और मुझे प्रेरित किया - माँ आप कुछ लिखा करो 

तभी मैंने लेखनी उठाई, जब जब मन में कोई झरना बहता मैं लिख लेती। इस संग्रह में अपने मन की अनेक अवस्थाओं का व्याख्यान करने का प्रयास किया है। मैंने अपने दिल की गहराइयों को दिल की आवाज़ को आप तक पहुंचाने का प्रयास है
पढ़िएगा, प्यार दीजिएगा।

About ANTSAH KI ANUBHUTI

मेरा यह लेखन प्रयास है। मैं कोई लेखिका तो नहीं हूँ - बाल्यकाल से ही मुझे लिखने तथा स्टेज पर बोलने का शौक था।
यूँ ही स्कूल का सफर तय करते हुये कॉलेज में प्रवेश किया। वाद-विवाद प्रतिस्पर्धा में भाग लेते अपने कॉलेज की उच्चतम भाषण कर्त्ता के इनाम से विभूषित हुई। फिर शादी, गृहस्थ जीवन, लम्बा सफर तय करते मेरे भीतर फिर से लिखने की हूक सी उठती रही। मेरे बच्चों ने उस हूक को सुना और मुझे प्रेरित किया - माँ आप कुछ लिखा करो 

तभी मैंने लेखनी उठाई, जब जब मन में कोई झरना बहता मैं लिख लेती। इस संग्रह में अपने मन की अनेक अवस्थाओं का व्याख्यान करने का प्रयास किया है। मैंने अपने दिल की गहराइयों को दिल की आवाज़ को आप तक पहुंचाने का प्रयास है
पढ़िएगा, प्यार दीजिएगा।