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Vikiran (विकिरण)
Vikiran (विकिरण)

Vikiran (विकिरण)

By: ANURADHA PRAKASHAN (??????? ??????? ?????? )
190.00

Single Issue

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About this issue

प्रिय काव्य प्रेमी गुणी, ज्ञानी, सुधि पाठक गण।
विघ्नहर्ता प्रथम पूज्य श्री गणेश तथा बुद्धि एवम् विद्या के अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की अपार कृपा से अपने हृदय के अंतःकरण से उद्भूत शब्दों को संयोजित कर आपके समक्ष कविता स्वरूप प्रस्तुत करने का एक प्रयास कर रहा हूँ।
इस पुस्तक का नाम विकिरण रखा गया है जिसका अर्थ होता है ऊर्जा (उष्मा) सम्प्रेषण (श्रोत से उत्पन्न होकर चारों ओर प्रसारित होना)
इस पुस्तक के संदर्भ में विकिरण शब्द का प्रयोग करने का तात्पर्य है मेरे हृदय के अंतर्मन से उद्भूत (उत्पन्न) भावों को शब्द रूप मे प्रकट कर प्रस्तुत करना।
उल्लेखनीय है कि प्रस्तुत पुस्तक में विकिरण शब्द की उत्पत्ति विनय का 'वि' और 'किरण' (जो मेरी सहचारिणी है) को जोड़कर बनाया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में मैंने अपने जीवनकाल के छः दशकों के विभिन्न स्थानीय भाषा, आहार, व्यवहार, सामाजिक, सांस्कृतिक विस्तृत अनुभव आधारित अभिव्यक्ति का समायोजन कर शब्द रूप में प्रकट करने का प्रयास किया है।
अतः स्पष्ट है कि इस काव्य पुस्तक में रचना के अनेकानेक रूप, रंग और रस से समन्वित शब्द संग्रह का आनंद पाया जा सकता है।
इस पुस्तक में अंतर्निहित विषय / शब्द भाषा सभी उम्र और सभी क्षेत्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।
करना है। इस पुस्तक का उद्देश्य अनुभव आधारित ज्ञान बाँटना और मनोरंजन
रचनाओं में प्रयुक्त विषय, शब्द और भाषा उसके मूल अर्थ से ही सम्बन्धित है। किसी भी अवांछित त्रुटि या भाव जो किसी भी रूप में किसी के लिए भी अस्वीकार्य हो, उसे उपेक्षित मान कर स्वाभाविक रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया जाता है।
अति आदरणीय पाठकगण से ससम्मान अनुरोध है कि अपना व्यक्तिगत विचार अवश्य प्रकट कर मुझे कृतार्थ करें।
रचनाकार
विनय कुमार झा

About Vikiran (विकिरण)

प्रिय काव्य प्रेमी गुणी, ज्ञानी, सुधि पाठक गण।
विघ्नहर्ता प्रथम पूज्य श्री गणेश तथा बुद्धि एवम् विद्या के अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की अपार कृपा से अपने हृदय के अंतःकरण से उद्भूत शब्दों को संयोजित कर आपके समक्ष कविता स्वरूप प्रस्तुत करने का एक प्रयास कर रहा हूँ।
इस पुस्तक का नाम विकिरण रखा गया है जिसका अर्थ होता है ऊर्जा (उष्मा) सम्प्रेषण (श्रोत से उत्पन्न होकर चारों ओर प्रसारित होना)
इस पुस्तक के संदर्भ में विकिरण शब्द का प्रयोग करने का तात्पर्य है मेरे हृदय के अंतर्मन से उद्भूत (उत्पन्न) भावों को शब्द रूप मे प्रकट कर प्रस्तुत करना।
उल्लेखनीय है कि प्रस्तुत पुस्तक में विकिरण शब्द की उत्पत्ति विनय का 'वि' और 'किरण' (जो मेरी सहचारिणी है) को जोड़कर बनाया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में मैंने अपने जीवनकाल के छः दशकों के विभिन्न स्थानीय भाषा, आहार, व्यवहार, सामाजिक, सांस्कृतिक विस्तृत अनुभव आधारित अभिव्यक्ति का समायोजन कर शब्द रूप में प्रकट करने का प्रयास किया है।
अतः स्पष्ट है कि इस काव्य पुस्तक में रचना के अनेकानेक रूप, रंग और रस से समन्वित शब्द संग्रह का आनंद पाया जा सकता है।
इस पुस्तक में अंतर्निहित विषय / शब्द भाषा सभी उम्र और सभी क्षेत्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।
करना है। इस पुस्तक का उद्देश्य अनुभव आधारित ज्ञान बाँटना और मनोरंजन
रचनाओं में प्रयुक्त विषय, शब्द और भाषा उसके मूल अर्थ से ही सम्बन्धित है। किसी भी अवांछित त्रुटि या भाव जो किसी भी रूप में किसी के लिए भी अस्वीकार्य हो, उसे उपेक्षित मान कर स्वाभाविक रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया जाता है।
अति आदरणीय पाठकगण से ससम्मान अनुरोध है कि अपना व्यक्तिगत विचार अवश्य प्रकट कर मुझे कृतार्थ करें।
रचनाकार
विनय कुमार झा