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बोलगप्पे
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बोलगप्पे

By: Diamond Books
150.00

Single Issue

150.00

Single Issue

  • Sat Jun 22, 2019
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About बोलगप्पे

सत्तर-अस्सी के दशक में अशोक चक्रधर का नाम बड़ी तेजी से उभरा और बड़ी जल्दी उन्होंने काव्य-जगत् में अपनी पहचान बना ली तथा मंच की लोकप्रिय कविता के नए मानक तैयार किए। देश-विदेश के हिंदी प्रेमियों के बीच उन्होंने अत्यंत स्नेह और आदर पाया। वे कवियों के कवि हैं। डॉ. कुँअर बेचैन उनके बारे में कहते हैं—‘‘अशोक चक्रधर ऐसी आँख है, जिससे कुछ छिपता नहीं; ऐसा वृक्ष है, जिसकी छाया में विश्राम और शांति मिलती है; ऐसा दरिया है, जिसकी लहरों पर हम अपने प्रयत्नों और सपनों की नाव सरलता से तैरा सकते हैं; प्रेम का ऐसा बादल है, जो सब पर बरसता है; पसीने की ऐसी चमकदार बूँद है, जो श्रम-देवता के माथे की शोभा बढ़ाती है; ऐसी सुबह है, जिसके पास आकर नींद खुलती है; ऐसी नींद है, जो नए सपने जगाती है और ऐसा फूल है, जो हर पल महकता है, खिलता है और दूसरों के होंठों को अपनी खिलखिलाहट देता है।’’ इस संकलन में उनकी ऐसी प्रतिनिधि कविताएँ संकलित हैं, जिन्होंने कवि सम्मेलनों का मिजाज निर्धारित किया। समय आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन उनकी कविता के कथ्य आज भी प्रासंगिक हैं।