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Bachchon Ka Panchtantra : Nakalachi ne Kiya jo gadbadjhala
Bachchon Ka Panchtantra : Nakalachi ne Kiya jo gadbadjhala

Bachchon Ka Panchtantra : Nakalachi ne Kiya jo gadbadjhala

By: Diamond Books
50.00

Single Issue

50.00

Single Issue

  • Tue Jun 09, 2020
  • Price : 50.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Bachchon Ka Panchtantra : Nakalachi ne Kiya jo gadbadjhala

पंचतंत्र हमारे देश का महान गौरव ग्रंथ है। ऐसा असाधारण ग्रंथ जिसकी खेल-खेल में नीति, ज्ञान और विवेक सिखाने वाली अनोखी कथाएँ पूरी दुनिया में फैलीं और छा गईं। सारी दुनिया ने पंचतंत्र को एक ऐसे अचरज की तरह देखा जिसने उनकी आँखें खोल दीं। इसलिए कि यह दुनिया का पहला ऐसा ग्रंथ है जिसमें साफ-साफ बताया गया है कि दुनिया में सफलता से जीने और आगे बढ़ने के लिए बड़े-बड़े भारी-भरकम पोथे पढ़ने की जरूरत नहीं, बल्कि अपनी आँखें खुली रखने और विवेक शक्ति जाग्रत रखने की जरूरत है। और अगर ऐसा हुआ तो आदमी जीवन में कभी कहीं मार नहीं खाएगा। वह किसी छल-प्रपंच के जाल में नहीं फँसेगा और हिश्वमत से अपनी मंजिल की ओर आगे बढ़ता जाएगा। लिहाजा पंचतंत्र को पढ़ने का मतलब ही है कि जीवन में सच्चे ज्ञान और विवेक के साथ-साथ सुख-समृद्धि और सफलता की ओर आपने अपना कदम आगे बढ़ा दिया है। यह एकदम तय है कि पंचतंत्र को सही मायने में पढ़ने और गुनने के बाद आदमी जीवन में कभी हार नहीं मानता! लेकिन मजे की बात यह है कि पंचतंत्र में जीवन की यह सीख बड़े ही मजेदार ढंग से और बड़ी अदभुत कथाओं की शक्ल में गूँथकर दी गई है। पंचतंत्र में ज्यादातर पात्र पशु-पक्षी हैं, पर पशु-पक्षियों के सहज-सरल व्यवहार के जरिए जिंदगी की कितनी बड़ी-बड़ी और गूढ़ सच्चाइयाँ हमारे दिलों में अंकित की जा सकती हैं, पंचतंत्र इसका सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। शायद इसीलिए यह ऐसा प्रेरक और महान ग्रंथ है जिसकी दुनिया के महानतम और अमर ग्रंथों में गिनती की जाती है।