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Hansaye Ja Pyare : हँसाए जा प्यारे
Hansaye Ja Pyare : हँसाए जा प्यारे

Hansaye Ja Pyare : हँसाए जा प्यारे

By: Diamond Books
75.00

Single Issue

75.00

Single Issue

  • Mon May 01, 2017
  • Price : 75.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Hansaye Ja Pyare : हँसाए जा प्यारे

आज के मानसिक तनावों से और व्यक्तिगत समस्याओं से ग्रस्त-त्रस्त जीवन में किसी ऐसी औषधि की जनसमुदाय आशा करता है, जो उसके दिल और मन, दोनों को राहत दे सके। औषधि तो अभी ऐसी कोई ईजाद नहीं हो पाई, हाँ... मनोवैज्ञानिक स्तर पर साहित्य के क्षेत्र में हास्य रस इस व्याधि के लिये रामबाण सिद्ध हो रहा है। आजकल हास्य रस की कविताएँ जनता के स्वास्थ्य को जितना सम्बल दे रही हैं, उतना कोई टॉनिक नहीं दे रहा इसलिए हिन्दी के हास्य कवियों की जनता को सबसे अधिक आवश्यकता है। उन कवियों में कोई ऐसा कवि, जो हँसा भी सके और मन की मस्ती में चार चाँद लगा सके, सरलता से श्रोताओं के मस्तिष्क तक पहुँच कर उसे गुदगुदा सके, अनुरंजित और प्रफुल्लित कर सके, हो तो सोने पर सुहागा है‒और ऐसे कवि की चर्चा जब आती है तो एक नाम सबकी जुबान पर आता है‒जैमिनी हरियाणवी। जैमिनी जी, हरियाणवी बोली में अपनी मस्ती से और भी अधिक आनन्दित क्षणों की उपस्थिति प्रस्तुत कर देते हैं। सहज सरल बोली में, गम्भीर से गम्भीर बात को रसयुक्त करके कहने की उनकी अपनी ही शैली है। जैमिनी की तरह जैमिनी ही लिख सकते हैं, कोई अन्य नहीं। ‘शैली ही व्यक्ति है’ कहावत उन पर पूर्णरूपेण चरितार्थ होती है।