logo

Get Latest Updates

Stay updated with our instant notification.

logo
logo
account_circle Login
Mai Likhta To Aise Likhta : (मैं लिखता तो ऐसे लिखता - कविता संग्रह)
Mai Likhta To Aise Likhta : (मैं लिखता तो ऐसे लिखता - कविता संग्रह)

Mai Likhta To Aise Likhta : (मैं लिखता तो ऐसे लिखता - कविता संग्रह)

By: Diamond Books
150.00

Single Issue

150.00

Single Issue

  • Thu Feb 06, 2020
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Mai Likhta To Aise Likhta : (मैं लिखता तो ऐसे लिखता - कविता संग्रह)

हिंसक बनाए जा रहे आज के माहौल में और खास तौर से दलितों, स्त्रियों, बच्चों और सामाजिक आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए अमानवीय होते जा रहे माहौल में कविता की भूमिका और कवि की भूमिका अलग-अलग क्यों होती जा रही है? प्रेम ही नहीं पर्यावरण को लेकर कवि का ऐक्टिविज्म और कविता का ऐक्टिविज्म अलग-अलग क्यों है? कविता जन के लिए और कवि अभिजन के लिए! गालिब का शेर है-‘गो मेरे शेर हैं खवास पसंद, मेरी गुफ्तगू अवाम से है।’ यह आज के कवि की पर्दादारी है या पहरेदारी? मूल्यांकन की तात्कालिकता और कविता की तात्कालिकता में कौन अधिक खतरनाक है?