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Sifar Se Sifar Tak : सिफ़र से सिफ़र तक
Sifar Se Sifar Tak : सिफ़र से सिफ़र तक

Sifar Se Sifar Tak : सिफ़र से सिफ़र तक

By: Diamond Books
125.00

Single Issue

125.00

Single Issue

  • Fri Dec 16, 2016
  • Price : 125.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Sifar Se Sifar Tak : सिफ़र से सिफ़र तक

भगवान के सामने सदा हाथ न फैलाया करो जितना पाया उससे उसका कर्ज़ तो चुकाया करो काम दूसरों के आया करो एहसान न जताया करो जिसने इस काबिल बनाया शुक्र उसका मनाया करो रौशन उसे तो नहीं कर सकते दिया फिर भी जलाया करो महका तो सकते नहीं उसे पफूल फिर भी चढ़ाया करो भगवान के घर जाया करो अपने घर उसे बुलाया करो वो आये न आये मर्जी उसकी फर्ज अपना निभाया करो दूसरों की खुशियों में जी अपना न जलाया करो बारी सभी की आती है बस जरा मुस्कुराया करो ।

‘सिफ़र से सिफ़र तक का सफ़र तब तक अधूरा है जब तक कुछ उन दोस्तों का जिक्र नहीं हो जिन्होंने इसे निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। सबसे पहले मेरे प्रिय मित्र नरेन्द्र शर्मा जिन्हें प्यार से शेरू कहा जाता था। वह खुद बहुत अच्छा लिखते थे और मुझे घंटों सुनते। कभी-कभी मेरा लिखा खुद मुझे इतने अच्छे अन्दाज़ से सुनाते कि मुझे यकीन नहीं आता कि मैंने इतना अच्छा लिखा है। यकीनन यह उनके सुनाने का अंदाज था, मेरी रचनाएं नहीं। अफसोस वह अब आज इस दुनिया में नहीं हैं। इसके बाद मेरे जीवन में आए श्री गुलशन पिपलानी एवं श्री शक्ति झिंगन जिन्होंने अक्सर मुझे सुना और तारीफ भी की, साथ ही इसे छपवाने के लिए प्रेरित भी किया।