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Vaidik Dharm Mein Poojaneey Gaumaata : वैदिक धर्म में पूजनीय गौमाता
Vaidik Dharm Mein Poojaneey Gaumaata : वैदिक धर्म में पूजनीय गौमाता

Vaidik Dharm Mein Poojaneey Gaumaata : वैदिक धर्म में पूजनीय गौमाता

By: Diamond Books
150.00

Single Issue

150.00

Single Issue

  • Mon Nov 28, 2016
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Vaidik Dharm Mein Poojaneey Gaumaata : वैदिक धर्म में पूजनीय गौमाता

गाय इस सृष्टि चक्र को चलाये रखने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, उसका अस्तित्व मिटाने का अर्थ होगा मानवता का अस्तित्व मिटाना। इसलिए गाय को किसी सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता नहीं है।

भारत के ऋषियों ने गहन चिंतन के पश्चात गाय की उपयोगिता को समझते हुए गाय को 'माता' का पूजनीय स्थान दिया था। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही गाय को आज पुन: भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाकर उसकी उपयोगिता को मानवता के लिए आवश्यक बनाकर गाय के वैज्ञानिक, धार्मिक, और आर्थिक तीनों स्वरूपों को समझने की आवश्यकता है । यही इस पुस्तक का सार है।

१७ जुलाई १९६६ को उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर के गाँव महावड में जन्मे पुस्तक के लेखक श्री राकेश कुमार आर्य की अभी तक तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है । वे दैनिक 'उगता भारत' के संपादक हैं । उत्कृष्ट साहित्य लेखन के लिए कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं, उनके लेख देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं ।