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गधों का खुला अधिवेशन : माणिक वर्मा के श्रेष्ठ व्यंग्य : Gadhou Ka khula Adhiveshan
गधों का खुला अधिवेशन : माणिक वर्मा के श्रेष्ठ व्यंग्य : Gadhou Ka khula Adhiveshan

गधों का खुला अधिवेशन : माणिक वर्मा के श्रेष्ठ व्यंग्य : Gadhou Ka khula Adhiveshan

By: Diamond Books
95.00

Single Issue

95.00

Single Issue

  • Tue Jun 27, 2017
  • Price : 95.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About गधों का खुला अधिवेशन : माणिक वर्मा के श्रेष्ठ व्यंग्य : Gadhou Ka khula Adhiveshan

सच मानिए! अपनी तरह के अलग हैं माणिक वर्मा। जब वे मंच पर होते हैं तो उन्हें श्रोता अपनी वाहवाही और ठहाकों के बीच घेरे में ले लेते हैं। और जब वे मंच से अलग होते हैं तो सहज और सरलता की मूर्ति नजर आते हैं, उनके हृदय में सभी के प्रति अपार स्नेह बरसता है उनके साथ आत्मिक सुख का अनुभव होता है।

आज के मंचीय चुटकुलों ने और टी.वी. के अनेक हास्य सीरियलों ने भले ही अपनी फूहड़ता के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हों ऐसे में माणिक वर्मा के व्यंग्य आजमी सितारे की तरह आकाश में ऊंचे और बहुत ऊंचे हैं।