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भारतीय संस्कृति और मूल अंकों के स्वर : अंक चक्र : Bhartiya Sanskriti aur Mool Anko ke Swar Ank Chakra
भारतीय संस्कृति और मूल अंकों के स्वर : अंक चक्र : Bhartiya Sanskriti aur Mool Anko ke Swar Ank Chakra

भारतीय संस्कृति और मूल अंकों के स्वर : अंक चक्र : Bhartiya Sanskriti aur Mool Anko ke Swar Ank Chakra

By: Diamond Books
250.00

Single Issue

250.00

Single Issue

  • Fri Sep 01, 2017
  • Price : 250.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About भारतीय संस्कृति और मूल अंकों के स्वर : अंक चक्र : Bhartiya Sanskriti aur Mool Anko ke Swar Ank Chakra

अंक विद्या उतनी ही प्राचीन है जितनी सृष्टि। एक ब्रह्म फिर प्रकृति और पुरुष ये दो फिर सत्त्व, रज, तम ये तीन गुण और इस प्रकार से 25 तत्त्वों की सृष्टि कही गयी है। षड्दर्शनों, प्रमाणों की संख्या तथा ज्योतिष, व्याकरण, आयुर्वेद, साहित्य आदि अनुशासनों में अंकों की उपस्थिति स्पष्ट है। वेदों में अंकों के माध्यम से विशेष अभिप्रायों का प्रकाशन करने के अनेक उदाहरण मिलते हैं। शुक्ल यजुर्वेद के 18वें अध्याय के 24 और 25 मन्त्रों में विषम और सम संख्याओं के माध्यम से अयुग्म और युग्म स्तोमों के द्वारा हवन करने का उल्लेख किया गया है।