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रहीम के दोहे : Rahim ke Dohe
रहीम के दोहे : Rahim ke Dohe

रहीम के दोहे : Rahim ke Dohe

By: Diamond Books
125.00

Single Issue

125.00

Single Issue

  • Thu Oct 05, 2017
  • Price : 125.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About रहीम के दोहे : Rahim ke Dohe

रहीम शहंशाह अकबर के बहुत करीब थे। मुगल सेना में ऊंचे ओहदे पर थे। शहंशाह अकबर के शासनकाल में कई युद्ध लड़े और विजय भी हासिल की। वे कई भाषाओं के जानकार थे। रहीम दानवीर भी थे और एक रहम दिल इंसान भी। उनका स्वभाव साधुओं जैसा शांत और निर्मल था। उनके व्यक्तित्व की गहरी छाप उनके दोहों पर पड़ी है। व्यवहार, नीति, राजनीति और श्रृंगार जैसे जीवन के व्यावहारिक पहलुओं पर दोहे लिखकर रहीम ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह एक महान योद्धा ही नहीं बल्कि एक कुशल कवि भी थे। उनके दोहों में जिंदगी का निचोड़ है, दर्शन है, सीख है और लोगों की परख करने की सूझबूझ भी है। उनके दोहों को पढ़कर लगता है कि जीवन के यथार्थ को लेकर वह कितने सजग और संवेदनशील थे। जो महसूस किया वही दोहों की शक्ल में ढाल दिया। यही कारण है कि उनके दोहों में एक नवीन चेतना है। जब तक धरती पर जीवन रहेगा, रहीम के दोहे मानवजाति का कल्याण करते रहेंगे।