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Hanumanji Ka Kaushal Prabandhan
Hanumanji Ka Kaushal Prabandhan

Hanumanji Ka Kaushal Prabandhan

By: Diamond Books
100.00

Single Issue

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Single Issue

  • हनुमान जी का कुशल प्रबन्धन
  • Price : 100.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Hanumanji Ka Kaushal Prabandhan

इस अपूर्व पुस्तक में मारुतनन्दन श्री हनुमानजी के श्रेष्ठतम गुणों की मीमांसा ‘श्रीरामचरितमानस’, ‘श्री हनुमान चालीसा’, ‘संकटमोचन हनुमानाष्टक’ आदि के आधार पर की गई है। हमें विश्वास है कि पुस्तक पढ़कर आपको आनन्द आएगा और आप श्री हनुमान जी भक्ति की ओर अग्रसर होने के साथ, उनके गुणों को अपने जीवन में उतारेंगे और अपने जीवन का प्रबन्धन तदनुसार करेंगे। श्री रामचन्द्रजी के अनन्य सेवक और दूत पवनपुत्र हनुमानजी का सम्पूर्ण जीवन अनुशासनबद्ध और सुव्यवस्थित है। वे ‘मानस’ के ऐसे पात्र हैं, जो अपनी सेवा-भावना और भक्ति से, वानर से महामानव और फिर देवता तक की यात्रा करते हैं। निरालस कर्मयोगी हनुमानजी में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य की त्रिवेणी का पावन संगम है। उनमें श्रद्धा है, समर्पण है और अपनी शक्तियों पर प्रबल आत्मविश्वास है। वे मानी, अमानी और मानदा हैं। उनमें अतुलित बल होते हुए भी वे कभी अपनी शक्ति का अतिक्रमण नहीं करते हैं। वे अपने बल से सज्जनों की सर्वविध रक्षा करते हैं और उसी से दुष्टों का संहार करते हैं, उन्हें दण्ड देते हैं। वे त्यागी हैं, तपस्वी हैं और व्रती हैं, वे जगत में ‘संकटमोचन’ नाम से प्रसिद्ध हैं। वे संकटों का वीरता से सामना करते हैं और गीता के ‘न दैन्यम्, न पलायनम्’ जैसे सूक्त वाक्य में विश्वास करते हैं। दूरदर्शी और नीतिज्ञ हनुमानजी गुणग्राहक और परोपकारी परदुःखकातर हैं। ये तो उनके कतिपय गुण हैं, परन्तु वास्तव में वे गुणों के आगार और गुणातीत हैं। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र पर उनकी अद्भुत पकड़ और पहुँच है। वे जीवन-प्रबन्धन में अत्यन्त कुशल हैं; इसीलिए वे अतुलनीय और वन्दनीय हैं।