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Vyangya ke Nav Swar: व्यंग्य के नवस्वर - व्यंग्य संग्रह
Vyangya ke Nav Swar: व्यंग्य के नवस्वर - व्यंग्य संग्रह

Vyangya ke Nav Swar: व्यंग्य के नवस्वर - व्यंग्य संग्रह

By: Diamond Books
150.00

Single Issue

150.00

Single Issue

  • Fri Jan 12, 2018
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi

About Vyangya ke Nav Swar: व्यंग्य के नवस्वर - व्यंग्य संग्रह

समकालीन व्यंग्य की दुनिया में कई पीढ़ियां एक साथ व्यंग्य लेखन में सक्रिय हैं। यह व्यंग्य क्षेत्र के लिए शुभ संकेत है। न सिर्फ व्यंग्य के पाठक बढ़ रहे हैं बल्कि व्यंग्य में अन्य विधा के साहित्यकारों की आवाजाही ने माहौल को बहुत ज्यादा खुशनुमा बना दिया है। व्यंग्य की मांग इतनी बढ़ गयी है कि आज छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी पत्र-पत्रिकाओं में भी व्यंग्य को पर्याप्त स्थान मिलने लगा है। सोशल मीडिया ने सबको एक ही स्थान पर अपनी बात कहने का मौका भी दे दिया है। जिसके चलते आज का व्यंग्य लेखन किसी से छिपा नहीं है। व्यंग्य में जहां पहले दो-चार नाम ही सुनने को मिलते थे आज हरएक उत्सुक नई पौध अपना सक्रिय व्यंग्य लेखन कर रही है।