logo

Get Latest Updates

Stay updated with our instant notification.

logo
logo
account_circle Login
Safar : Jo Peechhe Chhoot Gaya
Safar : Jo Peechhe Chhoot Gaya

Safar : Jo Peechhe Chhoot Gaya

By: Rajmangal Publishers (Rajmangal Prakashan)
51.00

Single Issue

51.00

Single Issue

About Safar : Jo Peechhe Chhoot Gaya

यहाँ सभी की ज़िन्दगी एक सफ़र होती है. आदमी आता है और चला जाता है. लेकिन इस आने-जाने के सफ़र में प्रत्येक इंसान को बहुत से खट्टे-मीठे अनुभवों से दो-चार होना पड़ता है. जब तक उसके पास सबकुछ है तब तक सब उसके अपने होने का बराबर एहसास दिलाते हैं. लेकिन एक वक़्त उसके पास कुछ नहीं होता तो वही अपने उसे अपना मानने से इनकार कर देते हैं.  लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने ना होते हुए भी अपनों से ज्यादा कर जाते हैं. असल में यही अपने होते हैं. ऐसे लोगों का मिलना इस ज़िन्दगी के सफ़र को बेहतर से कहीं अधिक बेहतर बना देता है. क़िताब के लेखक धीरज वर्मा पेशे से अध्यापक हैं और जन्मस्थली गुरुग्राम, हरियाणा में रहते हैं. श्री वर्मा ने इस क़िताब की कहानी को कितनी शिद्दत से महसूस कर लिखा है, यह आप पढने के बाद ही जान पाएँगे.