Mushahida
Mushahida Preview

Mushahida

  • मुशाहिदा
  • Price : 100.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

यह सही है कि किसी की मातृभाषा कोई भी हो, वह दूसरी भाषा में कविता रच सकता है, बशर्ते कि उसने उस भाषा का और विशेष रूप से उस भाषा में काव्य साहित्य पढ़ा हो। लेकिन नज़्मों और ग़ज़लों के प्रस्तुत संकलन की यह विशेषता है कि श्री बृजेन्द्र चतुर्वेदी ने, जिन्हें उर्दू से बेपनाह लगाव है - उर्दू शायरी केवल देव नागरी के माध्यम से पढ़कर ही यह नज़्में और ग़ज़लें रची हैं, जिन्हें पढ़कर पाठक चकित हुए बिना नहीं रह सकता। कवि नन्ददास (हिन्दी के प्रसिद्ध रीतिकालीन) को जड़िया की संज्ञा दी गई है, लेकिन उन्होंने अपनी भाषा में ही काव्य की रचना की थी। चतुर्वेदी जी उर्दू लिपि से सर्वथा अनभिज्ञ है और उन्होंने उर्दू साहित्य देव नागरी लिपि में ही पढ़ा है। लेकिन मुझे या सभी पाठकों को आश्चर्य होगा कि इस उपलब्धि के लिए उनकी मेधा को श्रेय दिया जाए या उनके उर्दू प्रेम को।