हम सब जीवन मे कभी न कभी ऐसे प्रश्नों से गुजरते है जिनका उत्तर हमें बाहर कहीं नहीं मिलता जैसे मैं कौन हूं? मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? सुख, शांति कहां है? मैंने भी इन प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की कोशिश करी। भगवान से हाथ जोड़कर पूछती थी मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है, मुझे क्या करना है लेकिन जवाब कभी नहीं मिला। ब्रह्म मुहूर्त मे ध्यान की विशेषताओं के बारे मे बहुत सुना था लेकिन करते कैसे हैं नहीं पता था। तभी एक दिन मेरी बहन ने मुझे JTTP-16 (Journey Towards True Path-16) सत्य पथ की ओर गमन ग्रुप में जोड़ दिया।
उसमे सुबह रोज़ ध्यान और ज्ञान दिया जाता था। 21/01/22 को पहली बार ध्यान मेरे जीवन में आया "आनापानसति ध्यान"। जिसमे अपनी ही आती जाती श्वास पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इसमे बताया गया हर प्रश्नों का उत्तर बाहर नहीं बल्कि हमारे भीतर गहराई में छुपा है। यह किताब मेरी ध्यान डायरी है। उन अनुभवो का संग्रह जो मैंने ध्यान में पाए हैं। यह मेरे जीवन की सच्चाई है। मेरे मन की आवाज़ है। जब मन शान्त हुआ, तब उत्तर स्वयं प्रकट होने लगे।