मेरी प्रिय रचनाएँ
मेरी प्रिय रचनाएँ

मेरी प्रिय रचनाएँ

This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

Preview

आमुख प्रिय मित्रो नमस्कार, अपनी नयी पुस्तक, आपके समक्ष प्रस्तुत करके में हर्षित हूँ। में कहानियाँ तथा कवितायें, एक साथ देकर थोड़ा पुस्तक का ज़ायका बदलने का मन है, इसलिए दोनों विधाओं की बानगी, आपको में देखने को मिलेगी। पुस्तक पुस्तक की विषय वस्तु में क्या है? थोड़ा इस पर बात करना चाहता हूँ, विषय वस्तु में वह सब कुछ है, जिसमें समाज का चरित्र, समाज का स्वरुप, समाज की परंपरागत कथा वस्तु आपको दिखाई दे, अर्थात् जैसा कि कहा जाता है, कि साहित्य समाज का दर्पण है वह सब इस पुस्तक में झलकता है, लेकिन दर्पण में दिखते यथार्थ को दिशा की भी जरूरत होती है। लेखक यदि यथार्थ और दिशा दोनों को विषय वस्तु में, प्रस्तुत करने में सफल हो, तभी रचना का धर्म सम्पूर्ण होगा। लेखक के रूप में यह धर्म कितना निभा है, इस पुस्तक में, इसका आकलन आपको करना है । अंत में, मैं प्रकाशक महोदय का आभारी हूँ, जिनकी सद कामना से पुस्तक आप तक पहुँची है। श्री गुलशन भाटिया, जो कि एक राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था से आधी शताब्दी से जुड़े रहे व्यक्तित्व हैं, रचनाओं के चयन में उनका, अमूल्य सहयोग सराहनीय है, उन्हें साधुवाद कहना जरूरी है। धन्यवाद विनीत प्रभुदयाल खट्टर

More books From ANURADHA PRAKASHAN (??????? ??????? ?????? )