Manthan
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आधुनिक युग में काव्य लोगों के बीच जो पेठ बना चुका है उसे देखते हुए मार्मिकमयता के साथ उसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। अगर यह कहें तो अतिशयोक्ति नही होगी की आज के इस माहौल में काव्य के पर अगर लगेंगे तो वह हमारे प्रयासों से लगेंगे। यह पुस्तक भी उन्हें आगे बढ़ाने का माध्यम मात्र है। Paperback : https://www.rajmangalpublishers.com/product-page/manthan