Yaadon Ka Jhola
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कभी-कभी न चाहते हुये भी आप किसी की यादों को दिल में बसा लेते हैं| चाहे वो आपसे एक बार मिला हो या सौ बार, फिर चाहे वो कोई आपका अपना हो या अनजाना| उससे आपका कोई भी रिश्ता हो सकता है| उसकी यादें जब दिल में बस जाती हैं तो दिल यादों को झोला हो जाता है| जिसमें कितनी भी यादें भरो, कभी भरता नहीं| इसी यादों के झोले से निकली कुछ कवितायेँ, नज़्में और कहानियाँ आप पढ़ने जा रहें हैं|