Deepika
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Deepika

  • Thu Jul 07, 2016
  • Price : 70.00
  • Rigi Publication
  • Language - Hindi
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कच्ची उम्र का प्यार, जो आंधियो और तूफानों की तरह हर टीन-ऐज लड़के या लड़की की जिंदगी में दस्तक देता है । ऐसा ही एक 16 साल का लड़का है या यूँ कहें की ऐसा हर एक लड़का है । उसे भी प्यार हो जाता है इंग्लिश की कोचिंग क्लास में उसके साथ पढ़ने वाली 15 साल की दीपशिखा से । उसे पहली नज़र में ही दीपशिखा से प्यार हो चुका था, लेकिन दीपशिखा से उसका नाम पूछने भर की हिम्मत जुटाने में ही उसे 2 हफ्ते लग जाते है । ऐसे में वो दीपशिखा के करीब जा पाता है ? उसे अपने दिल की बात कह पाता है ?वो डेट पर नहीं जाते, न फ्लर्ट करते है और यहाँ तक कि कभी रोमांटिक बातें भी नहीं करते है! तो जानना चाहते है वो लड़का उस लड़की से कैसे प्यार करता है! इसके लिए इस उपन्यास का बस ये एक अंश पढ़के देखिए......... ''मैंने नज़र घुमाकर देखा. वह दीपशिखा ही थी. मेरी तरफ देखकर उसने एक मुस्कराहट दी. उसकी उस मुस्कान में शुक्रवार वाली उदासी कहीं खो गई थी. मुझे लगा वह दूसरी वाली पंक्ति में सबसे पीछे लगी बैंच पर बैठ जाएगी, जो खाली थी. लेकिन वह सीधे बेझिझक मेरे पास रखे स्टूल पर अपने सलवार-सूट की चुन्नी सँभालते हुए बैठ गई. हल्की बादामी रंग की कुर्ती पर गहरे बादामी रंग के फूल बने हुए थे. उसके नीचे उसकी उसी गहरे बादामी रंग की चूड़ीदार सलवार पर पैर के पंजे के ऊपर पड़ी चूड़ियां या सलवटें उसके शरीर को मदहोश-सा बना रही थी.उसके गोर पैरों में पड़ी काली रंग की साधारण सेंडल भी आकर्षक लग रही थी. कन्धों पर डाली गहरे बादामी रंग की चुन्नी थोड़ी-थोड़ी देर में अपनी उपस्तिथि दर्ज करके अपनी जगह से हटी जा रही थी. उसके बाल आज सबसे ज्यादा अच्छी तरह गुंथे हुए लग रहे थे. आज उसने अपने बालों में तारनुमा काले रंग का हेयर बेन्ड माथे के ऊपर के बालों पर लगाया था, जो उसके काले बालों में ग़ुम होता सा लग रहा था. उसके चेहरे का निखार आज अपने चरम पर था, और उन सब पर भारी थी, उसके चेहरे से जा चुकी उदासी. मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए सही तरीके से जगह दी . अपने स्टूल को थोड़ा बाँई तरफ खिसकाते हुए उसकी तरफ ध्यान से देखा और फिर अपने स्टूल पर बैठकर एक लम्बी आह भरी साँस खींचते हुए आँख बंद कर एक छोटी-सी सोच में मुस्कराते हुए खो गया. मैं दीपशिखा के मुकाबले इतना अच्छा नहीं दिखता था, ऐसे में मेरे दिमाग में बार-बार प्रश्न उठे क़ि क्या वह मुझसे कहीं-न-कहीं आकर्षण महसूस करती है?.................!''  कॉफ़ी हाउसेस, बड़े शहरों, बाइक-राइडर्स, डेट्रस, फ्लहर्टिंग-शर्टिंग के बंद कमरों से बाहर आकर ये टीन-ऐज लव-स्टोरी तपती गर्मी में तपती है, बारिशों में भीगती है, लहरों की तरह आपके दिलों के किनारों पर आकर उसे भिगो जाती है । वो खामोश भी रहती है और बहुत कुछ बोल भी जाती है.......