Nai Kalam Ubharte Hastakshar
Nai Kalam Ubharte Hastakshar

Nai Kalam Ubharte Hastakshar

This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

बात अपनी कहने की आई है , तो यक़ीनन अब ऐसा लगता है जो अन्दर का लेखक है वो कहीं मर रहा है , शायद इसलिए कि अब मैं बिजनेस माइंड होने लगा हूँ. वक़्त के साथ चीजें बदलती हैं , शायद मैं भी बदल रहा हूँ. लेकिन ऐसा कहाँ ! जिसने एक बार क़लम पकड़ी वो क़लम थमती जरूर है लेकिन रूकती नहीं है.............

नयी कलम - उभरते हस्ताक्षर साहित्यिक पत्रिका , नई कलम को दुनिया के सामने लाने का प्रयत्न करता है . ये एक ऐसा मंच है जहाँ आप साहित्य की हर विधा से रूबरू हो पाएं ये हमारी टीम का प्रयास है. आपके साथ की उम्मीद करता हूँ .