बच्चों के लिए कहानियाँ  १४ से १५ साल
बच्चों के लिए कहानियाँ  १४ से १५ साल

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विनम्र होकर ही आगे बढ़ सकते हैं - लन्दन में विशाल सभागार में नृत्य और गायन की अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता हो रही है। कई देशों के कलाकार अपने-अपने देश के नृत्य का प्रदर्शन कर रहे हैं।

दीपक बिन दीवाली - कार्तिक मास की अमावस्या आज कुछ अधिक ही काली लग रही थी। यध्यपि सब उसे प्रकाशवान बनाने का प्रयत्न कर रहे थे लेकिन अँधेरा था कि वह और घना और डरावना होता जा रहा था।

संगत (भाग १) - गाज़ियाबाद के एक रिहायशी इलाके राजनगर में तीन घनिष्ठ मित्र रहते थे। आस-पास के लोग उन्हें शर्मा जी, वर्मा जी और सक्सेना जी के नाम से बुलाते थे।

दो सैनिकों की कहानी - अयप्पा पूरे जी जान से भाग रहा था। उसे प्रथम आना था। श्याम सुंदर उससे आगे था। अयप्पा ने अपना प्रयास तेज किया, जी जान लगाई और दोनों के बीच का अंतर कम होना शुरू हो गया। यह कहानी है दो सैनिकों के रिश्ते की।

बच्चों के लिए अनोखी, भारतीय और आधुनिक कहानियों का संग्रह, १४ से १५ साल के बच्चों के लिए।