Cinema Jeevan Ki Paathshala
Cinema Jeevan Ki Paathshala

Cinema Jeevan Ki Paathshala

  • Sat Apr 20, 2013
  • Price : 65.00
  • Benten Books
  • Language - Hindi
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फिल्में हमें हँसाती हैं। फिल्में हमें रुलाती हैं। ये हमें बहलाती हैं। तो क्या ये हमें कुछ सिखाती भी हैं? इस प्रश्न का उत्तर है, ‘जी हाँ, फिल्मों का सफेद बड़ा परदा कागज का एक विशाल पन्ना होता है, जिस पर तस्वीर के अक्षर उभरकर हमें अपनी-अपनी जिन्दगियों के लिए न जानें कितनी सीखें दे जाते हैं। इस तरह की ·र्ई सीखों को आप इस किताब में पढ़कर रोमांच से भर उठेंगे। साथ ही यह किताब आपको फिल्मों को देखने का एक ऐसा मज़ेदार नज़रिया देगी कि अब से फिल्म आपके लिए पाठशाला भी बन जायेगी। प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक एवं ‘दैनिक भास्कर’ में ‘परदे के पीछे’ कॉलम के बेहद लोकप्रिय लेखक श्री जयप्रकाश चौकसे ने अपनी कलम से यह करिश्मा कर दिखाया है। लेखक के कहने का अंदाज इतना नया और रोचक है कि आप इस किताब को पढ़ते हुए फिल्म को देखने का भी आनंद उठा सकते हैं। श्री चौकसे फिल्मों की दुनिया से सीधे-सीधे जुड़े हुए व्यक्ति हैं। फिल्म-लेखन, फिल्म-निर्माण और फिल्म के वितरण से लेकर टी.वी. रियलिटी प्रोग्राम ‘दस का दम’ और ‘बिग बॉस’ में उनका सृजन-सहयोग रहा है। यही सहयोग उन्होंने सलमान-करीना की फिल्म ‘बॉडीगार्ड’ के लिए भी दिया है।