Chandrakanta
Chandrakanta Preview

Chandrakanta

  • चन्द्रकांता
  • Price : 175.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
This is an e-magazine. Download App & Read offline on any device.

‘चन्द्रकान्ता’ (सन् 1888) को मूलतः और प्रमुखतः एक प्रेम-कथा कहा जा सकता है । यह शुद्ध लौकिक प्रेम-कहानी है, जिसमें तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार पाठक को चमत्कृत करते हैं । नौगढ़ के राजा सुरेन्द्रसिंह के पुत्र वीरेन्द्रसिंह तथा विजयगढ़ के राजा जयसिंह की पुत्री चन्द्रकान्ता के प्रणय और परिणय की कथा उपन्यास की प्रमुख कथा है । इस प्रेम-कथा के साथ-साथ ऐयार तेजसिंह तथा ऐयारा चपला की प्रेम-कहानी भी अनेकत्र झलकती है। देवकीनन्दन खत्री ने समसामयिक नीति-प्रधान उपन्यासों से भिन्न कौतूहल प्रधान ‘तिलिस्मी-ऐयारी’ उपन्यास-रचना की नई दिशा को उद्घाटित करने का सफल प्रयास किया ।