Jeevani : Guru Arjun Dev Ji - (जीवनी - गुरु अर्जुन देव जी)
Jeevani : Guru Arjun Dev Ji - (जीवनी - गुरु अर्जुन देव जी) Preview

Jeevani : Guru Arjun Dev Ji - (जीवनी - गुरु अर्जुन देव जी)

  • Fri Nov 22, 2019
  • Price : 15.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
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मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी श्री गुरु अर्जुन देव जी अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे। वह दिन-रात संगत की सेवा में लगे रहते थे। उनके मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह सम्मान था। उनकी शहादत सिख धर्म के इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण मोड़ था। संपादन कला के गुणी गुरु अर्जुन देव जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का संपादन भाई गुरदास की सहायता से किया था। उन्होंने रागों के आधार पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में संकलित वाणियों का जो वर्गीकरण किया है, उसकी मिसाल मध्यकालीन धार्मिक ग्रंथों में दुर्लभ है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 5894 शब्द हैं जिनमें से 2216 शब्द श्री गुरु अर्जुन देव जी के हैं, जबकि अन्य शब्द भत्तफ़ कबीर, बाबा फरीद, संत नामदेव, संत रविदास, भत्तफ़ धन्ना जी, भत्तफ़ पीपा जी, भत्तफ़ सैन जी, भत्तफ़ भीखन जी, भत्तफ़ परमांनद जी, संत रामानंद जी के हैं। इसके अलावा सत्ता, बलवंड, बाबा सुंदर जी तथा भाई मरदाना जी व अन्य 11 भाटों की बाणी भी गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है।