Mere Jeevan Ke Anubhav
Mere Jeevan Ke Anubhav Preview

Mere Jeevan Ke Anubhav

  • मेरे जीवन के अनुभव
  • Price : 125.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
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उड़ने को तैयार रहो आकाश बुलाता है, पतझर से मत घबराना मधुमास बुलाता है। मुड़ कर पीछे मत देखो मंजिल तो आगे है, जो रहता है पीछे बस पीछे रह जाता है। मत रुकना तुम, रात अरे अब बीत रही देखो, एक नया सूरज बढ़ कर आवाज़ लगाता है। वर्तमान में रह कर जिसकी नज़रें हैं कल पर , वही शख्स सचमुच स्वर्णिम इतिहास बनाता है। आओ मेहनतकश हाथों से गढ़े नई तकदीर, हर इंसा का कर्म उसी का भाग्यविधाता है। वह तो एक फरिश्ता है इन्सान नहीं पंकज भीतर दु:ख का पर्वत है बाहर मुस्काता है।