Osho Prem Ghata Barsi : ओशो प्रेम घटा बरसी
Osho Prem Ghata Barsi : ओशो प्रेम घटा बरसी Preview

Osho Prem Ghata Barsi : ओशो प्रेम घटा बरसी

  • Wed Nov 02, 2016
  • Price : 50.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
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राजा भारती के पत्र से, आप लोग उनकी भाव दशा से परिचित हो सकें, इसलिए उन्हीं की पंक्तियां उद्धृत की मैंने। इस शख्स ने पाण्डुलिपि के साथ न अपना परिचय लिखकर भेजा और न अपना वक्तव्य। उनके पत्रों तथा उनकी पुस्तक की सामग्री से ही जोड़ घटा कर यह कार्य भी अनजाने ही मेरे द्वारा सम्पन्न हो गया।

इस पुस्तक की पाण्डुलिपि को पढ़कर सद्गुरु के प्रति सम्पूर्ण समर्पण और श्रद्धा घटने पर भक्त के जीवन में क्या कैसी असम्भव घटनाएं घटने लगती हैं, इसका शिद्दत से अहसास हुआ। मछली पेड़ पर चढ़ जाती है। पानी में आग लग जाती है। लंगड़े लोग पर्वत की चोटी पर चढ़ जाते हैं। अंधे देखने लगते हैं। साझा भाषा में यह एक भक्त की अभिव्यक्तियां हैं, जिसका साधारण अर्थ यही है कि ओशो के प्रति समर्पण और सम्पूर्ण श्रद्धा घटने पर उन्हें जो चमत्कारिक अनुभव हुए हैं।

‘ओशो प्रेम घटा बरसी' एक भक्त के प्राणों की तड़प और भाव भरे उद्गार हैं, जो बुद्धि से नहीं हृदय की दवात में प्रेम की लेखनी को डुबोकर स्वतः उद्भूत हुए हैं। ओशो पर अभी तक जितनी पुस्तकें और संस्मरण लिखे गये हैं यह उन सभी से अलग है। इनकी सुवास और रस आपको आनंदित करने के साथ ओशो में श्रद्धा उत्पन्न कर आपको अहंकार के विष से मुक्त करे, इन मंगलकामनाओं के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।