काल-चिन्तन : आत्मबोध : Kaal Chintan : Atambodh
काल-चिन्तन : आत्मबोध : Kaal Chintan : Atambodh Preview

काल-चिन्तन : आत्मबोध : Kaal Chintan : Atambodh

  • Tue Apr 04, 2017
  • Price : 150.00
  • Diamond Books
  • Language - Hindi
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राजेंद्र अवस्थी का सम्पूर्ण काल-चिंतन अपने समय समाज और उससे जुड़े अवबोध का जीवंत दस्तावेज है। उनके इस चिंतन का क्षेत्र बहुआयमी है। जीवन और जगत की विभिन्न समस्याओं पर प्रस्तुत विलक्षण विवेचन और आकर्षक निष्कर्ष सुधी पाठकों को आनंद तो प्रदान करते ही हैं. उन्हें सूक्ष्म आत्मनिरीक्षण, आत्मोत्थान और सामाजिक अभ्युदय के लिए प्रेरित भी करते है। सच तो यह है कि आज हम मूल्यहीनता की स्थिति में जी रहे हैं। इस संदर्भ में सोचें तो काल-चिंतन कीं समीचीनता स्वतः स्पष्ट हो जाती है।

काल-चिंतन से साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले राजेंद्र अवस्थी को क्रूर नियति न हमसे छीन लिया है पर एक चिंतक के रूप में उनके विचार सदैव हमारे साथ रहेंगे। आइये, आलिंगन कर इस अंधकार का क्योंकि यही हमारे ज्ञान का एक ऐसा घर है जो कभी खाली नहीं होगा। सब खाली हो जाएंगे, सब मिट जाएंगे पर यह नहीं मिटेगा। यह यशस्वी अंधकार-रथ हमारे अस्तित्व के साथ अमर हैं।